Monday, 26 October 2015

My First Poems!

My First Poem! 

Which I wrote for her.... in my college .......

........just before Holi.......

रंग दूँगा मैं तुझको पूरा
   पर गाल रखूँगा खाली खाली,
मेरे गुलाल से बेहतर है,
तेरे गालों की लाली !





I had dedicated another poem to four beauty icons of my college........


शुक्ल पक्ष में होवै वर्षा,

रजनी में दिखते हैं तारे,

चाहे हीरा हो या नीलम,



ये रत्न हमारे प्यारे-प्यारे।





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