My First Poem!
Which I wrote for her.... in my college .......
........just before Holi.......
Which I wrote for her.... in my college .......
........just before Holi.......
रंग दूँगा मैं तुझको पूरा,
पर गाल रखूँगा खाली खाली,
मेरे गुलाल से बेहतर है,
तेरे गालों की लाली !
I had dedicated another poem to four beauty icons of my college........
शुक्ल पक्ष में होवै वर्षा,
रजनी में दिखते हैं तारे,
चाहे हीरा हो या नीलम,
ये रत्न हमारे प्यारे-प्यारे।
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